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म्यूचुअल फंड



किसी भी म्यूचुअल फंड को खरीदने के बाद आप उससे लाभ कमाने की उम्मीद रखते हैं। इसलिए आप जो भी म्यूचुअल फंड खरीदें, उसके लिए पहले से लक्ष्य तय करें कि आप उससे एक निश्चित समय में कितना लाभ प्राप्त करना चाहते हैं। जब आप अपने म्यूचुअल फंड से अच्छा रिटर्न नहीं प्राप्त कर पाते तब आप उसे बेचना ही बेहतर समझते हैं। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि जब आप अपने म्यूचुअल फंड को बेच देते हैं तब वह अच्छा रिटर्न देने लगता है, जिससे आप निराश होते हैं। लेकिन आपको इससे निराश नहीं होना चाहिए और यह सोचना चाहिए कि आप उससे बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। दरअसल, आपने फंड को बेच कर, जब वह आपके लिए लाभकारी नहीं था, सही वक्त पर सही कदम उठाया है। फंड से खास रिटर्न न मिलना कभी-कभी ऐसा भी होता है कि आपको अपने म्यूचुअल फंड से लाभ नहीं मिलता और आप अपनी किस्मत को कोसते हैं। ऐसी स्थिति में आप दो काम कर सकते हैं। अगर आपका निवेश लंबी-अवधि का है, तब रिटर्न तुरंत मिलने की आस की बजाय आपको धैर्य रखना चाहिए। लेकिन अगर आपका फंड शॉर्ट टर्म का है तो बेहतर होगा कि आप उसे बेच दें और किसी अन्य जगह निवेश करें। जैसा आप चाहते है, फंड वैसा रिटर्न न दें कुछ म्यूचुअल फंड से आपको अच्छा लाभ प्राप्त होता है जिससे आप उसमें ओर निवेश करने के लिए प्रेरित होते हैं। लेकिन कभी समय ऐसा भी आता है जब आपका निवेश आपके लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाता। तब आपको चाहिए कि आप अपना निवेश कहीं और करंे। इससे आप भविष्य में होने वाले घाटे से बच सकेंगे। जब प्रोफाइल का रिस्क ज्यादा हो अगर आप शॉर्ट टर्म निवेश कर चुके हैं तो परिस्थिति के हिसाब से या इस सेक्टर में किसी बड़े बदलाव पर म्यूचुअल फंड को बेच देना चाहिए। जैसे प्राकृतिक आपदा या राजनीतिक बदलाव। अगर आपके पास समय हैं तो आप इसे चालू रखें और यदि समय नहीं है तो बेहतर होगा कि आप अपने निवेश को दूसरी जगह शिफ्ट कर दें। क्या ना करें किसी पर जल्दी भरोसा ना करें। यह आपकी रकम है और आप इसे कहीं भी निवेश कर सकते हैं। ऐसी भी म्यूचुअल फंड की कंपनियां हैं जिन्होंने बहुत सालों से अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन खराब प्रबंधन या अनियमितताओं के चलते उनका परिणाम गलत रहा है। उनमें निवेश करने पर आपके हिस्से नुकसान आना लाजमी है। अगर आपने अपने फंड को नहीं बेचा तो आपका नुकसान सिर्फ एक खाली पन्ने की तरह है, लेकिन जब आप अपनी पूंजी को गलत फंड मैनेजर के साथ निवेश करते हैं तब वह आपके लिए एक वास्तविक हानि होती है। 


गोल्ड में करें निवेश


जूलरी के रूप में सोना हमेशा से हमारी पसंद रहा है। लेकिन पिछले कुछ बरसों में आई तेजी के बाद सोना अब खूबसूरती बढ़ाने के ही नहीं, जेब को भारी करने के भी काम आ रहा है। ऐसे में इनवेस्टमेंट के लिहाज से सोना बड़ी पसंद बनकर सामने आया है। आनेवाले दिनों में सोने में इनवेस्टमेंट कैसा रहेगा और ऐसा करते हुए क्या सावधानियां बरतें : सोने का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। इसी साल पहली जनवरी को सोने का रेट 20,688 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो 3 जुलाई को 24,330 रुपये पर पहुंच गया, यानी सात महीने में करीब 15 फीसदी का उछाल। जानकारों की मानें तो आनेवाले समय में सोना और ऊपर जाएगा। ऐसे में सोना इनवेस्टर्स की लिस्ट में भी प्रायॉरिटी में आ गया है।सुरक्षित और बेहतर रिटर्न  सोना इनवेस्टमेंट का सबसे सुरक्षित और बेहतर रिटर्न देनेवाला साधन माना जाता है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक साल की दूसरी तिमाही में मुनाफे के लिहाज से सोने ने दुनिया भर में सभी बॉन्ड्स और शेयर्स को पीछे छोड़ दिया है। सोने में रिटर्न 17 फीसदी का रहा है, जबकि शेयरों में -17 फीसदी का। दरअसल, शेयर मार्केट्स की अस्थिरता और बैंकों से कम इंटरेस्ट मिलने के बीच लगातार बढ़ती महंगाई में सोने पर दांव लगाना काफी सेफ है। सोने में टेक्निकल करेक्शन होता है लेकिन कभी-कभी। जरूरत पड़ने पर सोने पर लोन भी लिया जा सकता है। इसे गोल्ड बॉन्ड में भी तब्दील किया जा सकता है। इन तमाम खासियतों की वजह से सोना इनवेस्टर्स की पसंद में काफी ऊपर आ गया है। जानकारों के मुताबिक, इकॉनमी के स्थिर होने पर अगर सरकारें फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व में जमा अपना सोना वापस बेचना शुरू कर दें तो ही सोने के दामों में कमी आ सकती है, जिसकी फिलहाल उम्मीद नहीं है।मिलेगा और मुनाफा!  कूचा महाजनी सर्राफा असोसिएशन के जनरल सेकेटरी जी. सी. गुप्ता के मुताबिक, साल के आखिर तक सोने के रेट बढ़कर 30 हजार रुपये तक पहुंच सकते हैं। जो इनवेस्टर्स अभी इनवेस्ट करेंगे, उन्हें आनेवाले वक्त में करीब 15-20 फीसदी तक का मुनाफा हो सकता है। डायमंड और गोल्ड के कारोबारी विनय गुप्ता का कहना है कि जो लोग जेवर नहीं खरीदना चाहते, वे बिस्किट या सिक्के के रूप में भी सोना खरीद सकते हैं। इन पर मेकिंग चार्ज बहुत कम लगता है।कैसे करें इनवेस्टमेंट  सोने में लॉन्ग-टर्म और शॉर्ट-टर्म, दोनों तरह से इनवेस्ट किया जा सकता है। जो लोग शॉर्ट-टर्म मुनाफा चाहते हैं, वे अभी थोड़ा सोना खरीद लें और भाव ऊंचे रहने पर 3-6 महीने में उसे बेच दें क्योंकि हो सकता है कि आगे रेट ज्यादा न बढ़ें। दूसरी ओर, लॉन्ग-टर्म इनवेस्टमेंट इंश्योरेंस का भी काम करता है। सोने में तीन तरह से इनवेस्ट किया जा सकता है : जेवर, गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडिड फंड) और कमोडिटी एक्सचेंज में वादा कारोबार के जरिए। गोल्ड ईटीएफ म्यूचुअल फंड्स हैं, जो सोने में इनवेस्ट करते हैं और फंड्स की कीमत सोने के मूल्य के आधार पर निकाली जाती है। अगर बहुत थोड़ा इनवेस्ट करना है तो जूलरी खरीद सकते हैं लेकिन बड़ी रकम के निवेश के लिए ईटीएफ ही बेहतर है।रखें ध्यान  वैल्यू रिसर्च के सीईओ धीरेंद्र कुमार के मुताबिक, सोने में इनवेस्टमेंट करते हुए कुछ बातों का ध्यान रखें। अगर आप इनवेस्टमेंट के लिहाज से खरीद रहे हैं, तो उस रूप में खरीदें, जिसमें जरूरत पड़ने पर आसानी से बेच सकें। सबसे अच्छा है गोल्ड ईटीएफ खरीदें। इन्हें जब चाहें, आसानी से बेच सकते हैं। हड़बड़ी में बहुत सारा सोना एक साथ न खरीदें। अपने पोर्टफोलियो का एक हिस्सा ही गोल्ड रखें। अपने नुकसान की सीमा बनाकर रखें, ताकि गिरावट आने की स्थिति में आप बेचकर निकल सकें। किसी भी चीज में गिरावट अचानक और उस वक्त आती है, जब उम्मीद नहीं होती। यह नियम सोने पर भी लागू होता है। ऐसे में अगर सोने के दामों में गिरावट आने लगे तो बेचना ही फायदेमंद होगा। बैठकर सोने के दाम बढ़ने का इंतजार न करें, वरना इंतजार लंबा हो सकता है।क्वॉलिटी पर ध्यान दें  अगर पेपर नहीं, फिजिकल फॉर्म (ठोस रूप) में सोना खरीद रहे हैं तो क्वॉ
लिटी पर जरूर गौर करें। पी. पी. जूलर्स के एमडी पवन गुप्ता के मुताबिक सोना हॉलमार्क देखकर ही खरीदें। हॉलमार्क सरकारी गारंटी है। 22 कैरट गोल्ड की जूलरी बेहतर होती है, जिसमें 91.66 फीसदी गोल्ड होता है। इसे बेचने पर कोई कटौती नहीं की जाती। हॉलमार्क पर पांच अंक होते हैं। सभी कैरट का हॉलमार्क अलग होता है। मसलन 22 कैरट पर 916 और 18 पर 750 लिखा होता है। सोना खरीदने के बाद भी हॉलमार्क की जांच कराई जा सकती है। यह काम सभी बड़े जूलरी शोरूम्स पर हो सकता है। इसके लिए अलग से शोरूम भी होते हैं। सोने की सचाई की जांच सरकारी संगठन ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) करता है। इससे शुद्धता का कोई शक नहीं रहता। केडीएम को भी कई जूलर शुद्ध बताकर बेचते हैं, जोकि सही नहीं है। इसमें तांबे की मिलावट होती है। 
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